Thursday, February 4, 2010

MUDDA

rohit pareekचाहे 'वाटर ट्रेनÓ हो या पाली-दिल्ली के बीच प्रस्तावित यात्री गाड़ी। आने वाले लोकसभा चुनाव में 'ट्रेनÓ ही मुख्य मुद्दा होगा। पालीवासियों को रिझाने के लिए अभी से राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सत्ताधारी दल व विपक्ष दोनों ही ट्रेन को 'वोट ट्रेनÓ का रूप देने की फिराक में हैं। पाली के भोलेभाले मतदाताओं को पिछले दो दशक से रेलवे ब्रिज के नाम पर बहलाया गया। जो मुद्दे को भुनाने में ज्यादा कारगर रहे, वे जीतते भी रहे। अब ब्रिज का काम शुरू हो गया है और जिनको इस मुद्दे से विधानसभा चुनाव में वोट लेने थे, उन्होंने ले भी लिए। राजनेताओं ने अब नया शगूफा 'वाटर ट्रेनÓ व 'दिल्ली ट्रेनÓ का छेड़ा है। पालीवासियों को पानी की किल्लत सहते लगभग दो माह से अधिक समय हो गया है, तीन-चार दिन के अंतराल से लोगों को पीने को पानी मिल रहा है, उसकी भी शुद्धता की कोई गारंटी नहीं। बातें बड़़ी-बड़़ी हो रही हैं और आश्वासन भी लंबे-चौड़े दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री से लेकर रेल मंत्री तक मामला जा चुका है, लेकिन अब बात अटक गई है कि जोधपुर से इंदिरा नहर का पानी पाली लाने के लिए रेलवे के पास वैगन नहीं है। भोलीभाली जनता के यह बात समझ से परे है। करोड़ों रुपए के बजट वाला महकमा और उसके पास पानी ढोने के लिए वैगन नहीं। लेकिन क्या करें, इस तरह के बयान आने लाजमी हैं, क्योंकि कुछ ही माह में लोकसभा के चुनाव जो होने हैं। केन्द्र व राज्य में एक ही दल की सरकार है, फिर यह अटकाव क्यों? विपक्ष भी वाटर ट्रेन को लेकर सजग होने लगा है, देखना यह है कि कौन इस मुद्दे को कितना भुना पाता है। ठीक यही स्थिति है पाली व दिल्ली के बीच यात्री गाड़ी चलाने की। पिछले कई सालों से मतदाताओं को यह आश्वासन मिलता रहा कि इस बार पाली को सीधे दिल्ली से जोड़ दिया जाएगा, लेकिन केन्द्र व राज्य में अलग-अलग दलों की सरकारें होने से आश्वासन को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। अब केन्द्र व राज्य दोनों में एक ही दल की सरकारें हैं, रेल बजट भी आने वाला है और केन्द्र के चुनाव भी निकट हैं, ऐसे में पाली से दिल्ली के बीच यात्री गाड़ी की घोषणा हो जाए तो यह पाली के लोगों की खुशनसीबी ही मानी जाएगी। दिल्ली से सीधा जुडऩे से पाली के औद्योगिक जगत को जहां चार चांद लगेंगे वहीं विकास की भी विपुल संभावना बनेगी। राजनेताओं को भी चाहिए कि वे बिना किसी पक्षपात के जनता के सेवक के रूप में कार्य करें और पाली टू दिल्ली ट्रेन की सौगात इस बजट में दें। वरना चुनाव तो सामने है ही, जनता सब हिसाब चूकता करने से भी हिचकने वाली नहीं है।

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